अंकिता मामले के वकील नवनीश पहुंचे धरनास्थल
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
पीपलचौरी चौराहे पर बीते 12 दिनों से धरनारत अंकिता के माता-पिता को ढाढस दिलाने के लिए अंकिता भंडारी मामले के वकील नवनीश नेगी रविवार को धरनास्थल पर पहुंचे।
यहां उन्होंने अंकिता के लिए न्याय की लड़ाई में साथ दे रहे लोगों का हौसला बढ़ाया और कहा कि हमें यकीन है कि न्याय की इस लड़ाई में न्यायालय हमारा साथ जरूर देगा। उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों का साथ दे रही सरकार में बैठे मंत्रियों-संतरियों को एक दिन अपने बच्चों से इस कृत्य के लिए माफी मांगनी पड़ेगी।
सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों को यह समझ में आना चाहिए कि आम आदमी की लड़ाई में जो आम आदमी यहां बैठा है, इस लड़ाई को एक दूसरे मुकाम तक ले जाएगा। हम यह कहना चाहते हैं कि एक न्याय का सवाल सिर्फ अंकिता के न्याय की लड़ाई का सवाल नहीं है, बल्कि हर उस लड़की की लड़ाई का सवाल है, जिसके परिजन इस तरह की लड़ाईयां लड़ रहे हैं। यह एक बड़ी लड़ाई है। यह असमानता के विरू( लड़ी जा रही लड़ाई है। हम लोग बहुत शर्मशार हैं कि अंकिता के साथ जो भी घटित हुआ, उसे हम रोक नहीं पाए। जो भी मंत्री-संतरी इस न्याय की लड़ाई को दबाने में जुटे हुए हैं, जब वे अपने बच्चों से इस विषय पर आंख मिलाएंगे, तो वे जरूर कहेंगे कि हम शर्मसार हैं। हम अपने किए पर शर्मिंदा हैं, ऐसा हमारा विश्वास है।
उन्होंने कहा कि उनके बच्चे इस पर उनसे अवश्य सवाल उठाएंगे। पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि अंकिता की लड़ाई को पहले दिन से बेहद सतर्कता एवं संवेदनशीलता से लड़ रहे पत्रकार साथी आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी भी एक शर्मनाक पहलू है। इस गिरफ्तारी को प्रदेश सरकार ने जिस तरह से प्रतिक्रिया की है, पौड़ी की पुलिस ने जिस तरह से उनकी गिरफ्तारी के फोटो वायरल किए हैं, उससे लगता नहीं कि हम एक संवेदनशील राज्य सरकार के संरक्षण में हैं। इसलिए यह लड़ाई हमारी अस्मिता की लड़ाई है। न्याय की लड़ाई लड़ने वाले लड़ाका को आप घुटनों के बल बिठा देना चाहते हैं। आप क्या संदेश देना चाहते हैं? ये सवाल हमारा सवाल है, इस प्रदेश का सवाल है, यह न्याय की लड़ाई लड़ने वाले आम आदमी का सवाल है और इस सवाल को हम नहीं छोड़ेंगे। कोर्ट के भीतर भी लड़ रहे हैं और हम इस सब पर कोर्ट के बाहर भी लड़ेंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि न्यायालय हमारे साथ जरूर न्याय करेगा। झुकाने, डराने की साजिशों को हम साकार नहीं होने देंगे।