भैरवदत्त असनोड़ा
बीते 06 मार्च को उत्तराखण्ड के विधानसभा में हुए बहुचर्चित गाली प्रकरण में काबीना मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल तथा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट के इस्तीफे की मांग को लेकर फूका गया आंदोलन का बिगुल मंगलवार, 11 मार्च 2025 को आमरण अमशन में तब्दील हो गया है।
कठायत राजधानी निर्माण संघर्ष बैनर तले रामलीला मैदान में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। आंदोलनकारियों की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उपजिलाधिकारी गैरसैण के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि, 06 मार्च को संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की बर्खास्तगी या इस्तीफे की मांग की गई थी लेकिन, अभी तक इस संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि, उत्तराखण्डियों की मांग पर राज्य सरकारी की ओर से कोई ध्यान न दिए जाने पर हम पहाड़वासियों के बीच भारी आक्रोश है। इसलिए मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल तथा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट की बर्खास्तगी के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी तथा काबीना मंत्री सुबोध उनियाल को भी स्पष्टीकरण देना चाहिए।
इसके साथ ही गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने, मूल निवास 1950 लागू किए जाने, सख्त भूकानून तथा धारा 371 लागू किए जाने तक अनशन जारी रहेगा।
ज्ञापन में आंदोलनकारी एवं पूर्व सैनिक भुवन सिंह कठायत, स्थाई राजधानी गैरसैण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, नगर पंचायत अध्यक्ष मोहन भंडारी, भागवत सिंह, दान सिंह, गोपाल सिंह, चन्दन सिंह, जीत सिंह बिष्ट, हर्ष सिंह, बच्ची सिंह थापा, के.एस. पटवाल, रंजीत शाह, मदन कोठारी, बलवंत सिंह समेत कई अन्य लोगों के हस्ताक्षर हैं।
