यूसैक के वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र सिंह को ‘गिरी गंगा गौरव सम्मान’ से किया गया सम्मानित
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हर वर्ष दो सितंबर को बुग्याल संरक्षण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हिमालय हमारी पहचान है, हमारी संस्कृति है, और हमारी जीवनरेखा भी है। हमारी भावी पीढ़ियों के लिए हिमालय की सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है, बुग्यालों का संरक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
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उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में हिमालय संरक्षण सप्ताह की शुरुआत बड़े उत्साह के साथ की गई। कार्यक्रम का आरंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के वीडियो संदेश से हुई।
इस अवसर पर सीएम ने हर वर्ष 02 सितंबर को ‘बुग्याल संरक्षण दिवस‘ के रूप में मनाये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम हिमालय संरक्षण के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता की ओर एक नया कदम साबित होगा।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो.दुर्गेश पंत ने कहा कि विश्व धरोहर हिमालय के भव्य बुग्याल, न केवल सुंदरता से भरे हुए हैं, बल्कि जैव विविधता और जीवनयापन के लिए महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र भी हैं।
मुख्य वक्ता पद्मभूषण डॉ.अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि बुग्याल संरक्षण हमारे स्थानीय समुदायों के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों स्तरों पर काम करना होगा ताकि हमारे हिमालय को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हिमालय से हम सबका अस्तित्व है और हमें एकजुट होकर हिमालय सरंक्षण की इस सकारात्मक पहल का हिस्सा बनना चाहिए, हमें समस्याओं के बजाय समाधानों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि बुग्याल देवताओं का आंगन है और इसका संरक्षण एक पवित्र कार्य है, जो हमें अपनी संस्कृति, परंपराओं और पर्यावरण के साथ जोड़ता है।
प्रमुख वन संरक्षक डॉ.धनंजय मोहन ने कहा कि एक समिति बनाई जाएगी, जो बुग्याल संरक्षण के सभी पहलू को ध्यान में रखकर विशेष योजना तैयार करेगी।
वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा ने बुग्याल संरक्षण पर किए गए कार्यों पर एक प्रस्तुतिकरण दिया। यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डीपी उनियाल ने एक्वेटिक बायो डायवर्सिटी पर और अधिक शोध करने की बात कही।
मैती संस्था द्वारा यूसैक के वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र सिंह को विगत वर्षो से हिमालयी क्षेत्र में किए गए विशेष वैज्ञानिक कार्यों हेतु ‘गिरी गंगा गौरव सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया।
इस दौरान यूकॉस्ट और मैती संस्था द्वारा आयोजित अल्पाइन मीडोज फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए गए। प्रथम पुरस्कार चिनार शर्मा, द्वितीय पुरस्कार सृष्टि जोशी व तृतीय पुरस्कार संजय कुमार द्विवेदी व महिपाल सिंह गड़िया को दिया गया तथा सांत्वना पुरस्कार पाने वालो में महेश पैनुली तथा डॉ. गजेंद्र सिंह शामिल रहे।