जल जीवन मिशन योजना रही जस की तस
अभिरेख अरूणाभ
आज दूसरे दिन भी उत्तरकाशी जनपद के कलेक्ट्रेट परिसर में भटवाड़ी ब्लाॅक के डांग गाँव के ग्रामीणों का ‘गाँव बचाओ आन्दोलन’ (ग्रामीण जनता का जन संगठन) के बैनर तले सत्याग्रह जन आन्दोलन जारी रहा।
मूलभूत आवश्यकता के लिए भी कोई आश्वासन नहीं
ग्रामीणों ने कहा हम दो दिनों से इस तपती धूप में अपनी मूलभूत आवश्यकता ‘पानी’ की मांग के लिए बैठे हैं, लेकिन जिला प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने एक मिनट के लिए भी हमारी तरफ नहीं झाँका। किसी भी स्तर के अधिकारी और कर्मचारी ने हम से हमारी समस्या को दूर करने का कोई आश्वासन नहीं दिया।
आदेशों की अवहेलना कर रहा प्रशासन
प्रशासन का यह रवैया दिखाता है कि प्रशासन किस स्तर तक गिर चुका है। प्रशासन जनता की समस्याओं को सुनने और सुलझाने के लिए होता है। लेकिन, उत्तरकाशी के जिला प्रशासन के हाल देखकर लगता है कि प्रशासन की कार्य करने और जनता को न्याय देने की कोई मंशा ही नहीं है।
उत्तरकाशी का जिला प्रशासन न केवल जनता को ही नजरअन्दाज कर रहा है बल्कि मुख्यमंत्री और मानवाधिकार आयोग के आदेशों की भी अवहेलना कर रहा है। मुख्यमंत्री और मानवाधिकार आयोग ने लिखित आदेश में डांग गाँव के नये निर्मित टैंक में पाइप लाइन जोड़ने का आदेश दिया है लेकिन, जिला प्रशासन अपनी ढिठाई पर अड़ा है।
कार्य के अंतिम पड़ाव में प्रशासन ने लगाई रोक
ग्रामीणों ने दोहराया कि जब हमारा नया टैंक जल जीवन मिशन के तहत बनकर तैयार हो गया है तो उसे पेयजल- लाइन से जोड़ा क्यों नहीं जा रहा है?
जबकि वर्तमान में डाँग गांव के ग्रामीण जिस जल स्रोत से पुरानी क्षतिग्रस्त पाइप लाइन के माध्यम से पानी का उपभोग कर रहे हैं, उसी जल स्रोत से नई पाइप लाइन के माध्यम से नये निर्मित टैंक को जोड़ा जाना है।
जल जीवन मिशन के तहत पुरानी क्षतिग्रस्त पाइप लाइन की जगह, नई पाइप लाइन बिछानी है और उसे नये निर्मित पानी के टैंक में जोड़ा जाना है।
ऐसा करके सम्पूर्ण डाँग गाँव की पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी। लेकिन कार्य के अंतिम पड़ाव में प्रशासन ने कार्य पर क्यों रोक लगा दी इसका जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं हैं।
अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री धामी जी कब जिला प्रशासन की इस ढिठाई पर ने कार्यवाही कड़ी करते हैं और धूप में तपते इन ग्रामीणों को न्याय दिलवाते हैं।