19 मई को ब्लू ओरिजिन कंपनी ने 6 लोगों को न्यू शेपर्ड रॉकेट से भेजा अंतरिक्ष
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
अमेजन फाउंडर जेफ बेजोस की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन ने 19 मई को 6 लोगों को न्यू शेपर्ड राॅकेट से स्पेस भेजा है, जिसमें आंध्र प्रदेश के गोपी थोटाकुरा भी शामिल हैं। वह NS -25 मिशन पर एक पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।
वह टूरिस्ट के तौर पर अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं जबकि राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
जानकारी के मुताबिक जेफ बेजोस की एक अन्य कंपनी ब्लू ओरिजिन की फ्लाइट ने अंतरिक्ष में दो साल के ब्रेक के बाद उड़ान भरी। सितंबर 2022 में NS-22 मिशन असफल होने के बाद ब्लू ओरिजिन को अपनी तकनीक में सुधार करने के लिए दो साल रुकना पड़ा था।
मिशन में शामिल
जेफ बेजोस की अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन ने अपने NS -25 मिशन के लिए 6 लोगों के क्रू की घोषणा की है, जिसमें मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल हेस, कैरोल स्काॅलर, गोपी थोटाकुरा और पूर्व वायु सेना कप्तान एड ड्वाइट शामिल हैं।
भारत के पहले अंतरिक्ष पर्यटक गोपी बोटाकुरा
आंध्र प्रदेश में जन्मे गोपी थोटाकुरा महज़ 30 साल के हैं। गोपी सीप्लेन के साथ-साथ अनुभव ग्लाइडर और हाट एयर बैलून के पायलट हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट यात्री पायलट के रूप में काम किया है। वह प्रिजर्व लाइफ कार्प के सह-संस्थापक हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करती है। गोपी कुछ समय पहले माउंट किलिमंजारो के शिखर पर पहुंचे थे।
एड ड्वाइट ने 90 वर्ष की उम्र में अंतरिक्ष की उड़ान
ड्वाइट वायुसेना के पायलट थे जब तत्कालीन राष्ट्रपति जान एफ. कैनेडी ने उन्हें नासा के अंतरिक्ष यात्री के उम्मीदवार के रूप में चुना था, पर उन्हें अंतरिक्ष में जाने का अवसर नहीं दिया गया। वह अमेरिका के पहले अश्वेत अंतरिक्षयात्री तो नहीं बन सके, पर 60 साल बाद उन्होंने 90 वर्ष की उम्र में अंतरिक्ष की उड़ान भरकर दुनिया के सबसे उम्रदराज अंतरिक्षयात्री बनने का गौरव हासिल किया। 1983 में गुइयन ब्लूफोर्ड पहले अश्वेत अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बने।
अब तक 31 लोगों को करवाई अंतरिक्ष की सैर
यह न्यू शेपर्ड प्रोग्राम के लिए सातवीं और इसके इतिहास की 25वीं मानव उड़ान थी। अब तक इसके तहत 31 इंसानों को कार्मन लाइन के ऊपर सैर कराई गई है। कार्मन लाइन पृथ्वी के अंतिम और बाहरी अंतरिक्ष के बीच पारंपरिक सीमा है। अंतरिक्ष पर्यटन आकर्षक उद्योग के रूप में उभर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक अंतरिक्ष पर्यटन बाजार सालाना तीन अरब डालर तक पहुंच सकता है।