158 की मौत, सैकडों लोग लापता
आर्मी, एनडीआरएफ की की ओर से रेस्कयू अभियान जारी
मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का रेड अलर्ट
स्टेट ब्यूरो
केरल के वायनाड में मंगलवार, 30 जुलाई को तड़के पहाड़ से बहकर आए सैलाब ने हाहाकार मचा दिया है। करीब 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव सिर्फ 4 घंटे में पूरी तरह तबाह हो गए। वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन के एक दिन बाद, बचाव दल नष्ट हुए घरों तक पहुंच रहे हैं और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं।
बताया जा रहा है कि अभी तक 180 के करीब लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में चूरलपारा, वेलारीमाला, मुंडकाईल और पोथुकालू शामिल हैं।
मलबे में दबे लोगों को खोजने हेतु अभियान जारी
केरल में कुदरत की विनाशलीला देखकर हर कोई सहम गया है। वायनाड में इसे सबसे बड़ी त्रासदी माना जा रहा है। चार घंटे में तीन जगह लैंडस्लाइड हुई और पहाड़ों से आया सैलाब चार गांवों को बहा ले गया। अब मलबे को निकाला जा रहा है और उसमें कीचड़ से लथपथ या पत्थर के नीचे दबी लाशें मिल रही हैं।
एनडीआरएफ, सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस और अग्निशमन दल सहित बचाव दल खराब मौसम के बीच जीवित बचे लोगों को खोजने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। कयाकिंग, कोराकल बोटिंग और ट्रैकिंग जैसी पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमें
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) के अनुसार, अग्निशमन और बचाव दल, नागरिक सुरक्षा, NDRF और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें बचाव अभियान में लगी हुई हैं। डीएससी सेंटर कन्नूर से लगभग 200 भारतीय सेना के जवान और कोझिकोड से 122 TA बटालियन भी मौके पर मौजूद हैं।
इसके साथ ही, दो वायु सेना के हेलीकॉप्टर, एक MI-17 और एक ALH, भी बचाव अभियान में समन्वय कर रहे हैं। वायनाड के विभिन्न अस्पतालों में 120 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है। केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के अनुसार, 116 शवों का पोस्टमॉर्टम पूरा हो चुका है।
मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने वायनाड के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जबकि पड़ोसी कोझिकोड, मलप्पुरम और कनूर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 31 जुलाई से 2 अगस्त तक भारी बारिश की आशंका जताई गई है।