कारगिल विजय दिवस पर उत्तराखंड के नाम एक और गौरव जुड़ गया। ले. जनरल विकास लखेड़ा जो भारतीय सेना में तैनात हैं उन्हें असम राइफल्स की कमान सौंप दी गई है। उनका कार्यकाल नियुक्ति से दो वर्ष का होगा। इस संबंध में आवश्यक सूचना गृह मंत्रालय को भेज दी गई है। असम राइफल्स के महानिदेशक नियुक्त होने से पहले ले. जनरल विकास लखेड़ा असम राइफल्स के इंस्पेक्टर जनरल (नॉर्थ) की अहम जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्हें 5 जून 2022 को आईजीएआर (नॉर्थ) नियुक्त किया गया था।
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55 वर्षीय जनरल लखेड़ा आगामी 01 अगस्त को बतौर डीजी असम राइफल्स की कमान संभालेंगे। ले. जनरल टीपीएस रावत के बाद वह दूसरे उत्तराखंडी हैं, जिन्हें असम राइफल्स की कमान मिली है। वह मूलरूप से टिहरी गढ़वाल के खास पट्टी के जखंड गांव के निवासी हैं। हालांकि, वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के वसंत विहार में रहता है।
सेना ज्वाइन करने से पहले ले. जनरल लखेड़ा ने डीएवी पीजी कालेज से स्नातक किया था। भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने के बाद वह फोर सिख लाइट रेजीमेंट में कमीशन हुए थे।
अपनी सैन्य सेवा के दौरान वह जम्मू-कश्मीर के आतंक प्रभावित क्षेत्रों से लेकर उत्तर-पूर्व के नगालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में तैनात रहे हैं। एक अनुभवी सैन्य अधिकारी होने के साथ-साथ वह कुशल खिलाड़ी, संगीत प्रेमी और विभिन्न भाषाओं के जानकार भी हैं। उनके पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट के बाद बीएसएफ में डीआईजी रहे हैं। उनकी छोटी बहन के पति वीरेंद्र सिंह भी सेना में कर्नल हैं और छोटे भाई असीम लखेड़ा इंजीनियर रेजीमेंट में कर्नल रैंक पर तैनात हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा असम राइफल्स के नए महानिदेशक नियुक्त किए गए हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा।
ले. जनरल विकास लखेड़ा को मिले हैं विभिन्न सम्मान
26 फरवरी 1969 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए कई प्रमुख सैनिक सम्मान प्राप्त हुए हैं जिसमें अति विशिष्ट सेना मेडल, सेना मेडल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड और दो जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड शामिल हैं। हाल ही में उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा एवीएसएम से भी सम्मानित किया गया है और अब उन्होंने भारत के सबसे पुराने अर्धसैनिक बल असम राइफल्स के महानिदेशक की उपलब्धि प्राप्त की है।