व्यापार संघ ने जताई कड़ी नाराजगी
गंगा असनोड़ा
रविवार रात हुई तेज बारिश से श्रीनगर के रोडवेज बस अड्डे से लगे जोशी भवन के समीप चार दुकानों में पानी भर गया।
बताया जा रहा है कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग पर नालों के बंद होने से यह जलभराव हुआ, जो तेज बारिश के कारण जोशी भवन की चार दुकानों में करीब चार फीट तक भर गया।
करीब 18 वर्षों से इसी स्थान पर दुकान चला रहे बलूनी इलैक्ट्रॉनिक्स के मालिक सुनील बलूनी को इससे लाखों का नुकसान हुआ है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोडवेज बस अड्डे से लगी चार दुकानों में चार फीट की ऊंचाई तक जलभराव हो गया। इसमें बलूनी इलैक्ट्रॉनिक्स के सुनील बलूनी, स्वर्ण विक्रेता हसन, श्री कलर लैब के सुधीर बिष्ट तथा रमेश प्रसाद जोशी के लॉज में पानी भरने से नुकसान हुआ है।
सुनील बलूनी को इस घटना से सर्वाधिक नुकसान बताया जा रहा है। उनका कहना है कि उनकी दुकान में करीब पांच-छह लाख का सामान था, जो पानी भरने के कारण बेकार हो गया है।
व्यापार संघ के अध्यक्ष दिनेश असवाल तथा प्रांतीय उद्योग मंडल के जिलाध्यक्ष वासुदेव कंडारी ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि एनएच ने राजमार्ग की मरम्मत के समय राजमार्ग के नालों को बंद कर दिया, इससे व्यापारियों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी रविवार के अवकाश में खोए हुए हैं। कार्यालय रविवारीय अवकाश के चलते बंद है और मोबाइल को साइलेंट मोड में रखकर वे अपनी जिम्मेदारी के प्रति साइलेंट रहना चाहते हैं।
श्रीनगर के नगरीकरण ने लील लिए 22 प्राकृतिक नाले
श्रीनगर का नगरीकरण पूरी तरह अनियोजित नगरीकरण है। अज जब यह क्षेत्र नगर निगम के रूप में अस्तित्व में आया है, तब रविवार रात्रि राजमार्ग से लगी दुकानों में हुआ जलभराव बंद नालों की व्यथा को भी इंगित करता है।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के भूगर्भ विज्ञान विभाग के कई शिक्षकों ने करीब दो दशकों से लगातार इस विषय पर आम जनता, प्रशासन तथा शासन का ध्यान इंगित कराना चाहा है। चर्चित भू वैज्ञानिक डा.एसपी सती हों या डा.एमपीएस बिष्ट कभी सरकारी काम से, तो कभी आम जनता द्वारा पाट दिए गए श्रीनगर के 22 प्राकृतिक नालों से कभी भी क्षेत्र की जनता को नुकसान होने की ओर सचेत करते रहे हैं। 2010-12 के बीच वजीरों के बाग क्षेत्र में भी भारी जलभराव तथा मलबा आने से भारी नुकसान हुआ था।
यदि इन प्राकृतिक नालों को उनकी वास्तविक जगह हासिल नहीं हुई, तो आगे भी ये नाले भारी आफत बनकर आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।