श्रीकोट में चार साल की बच्ची पर गुलदार का हमला

रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

मंगलवार को श्रीकोट गंगानाली में देर रात एक चार साल की मासूम बच्ची पर गुलदार ने हमला कर दिया। परिजनों ने किसी तरह उसे गुलदार के चंगुल से बचाया। गुलदार के हमले में मासूम गंभीर रूप से घायल हो गई है।

क्षेत्र के बंगाली स्वीट शाॅप वाली गली में रहने वाले बलवंत सिंह रावत की चार साल की बेटी अधीरा अपने घर के आंगन में खेल रही थी। इसी दौरान अचानक गुलदार ने उस पर झपट पड़ा।

परिजनों ने शोर मचाकर गुलदार के चंगुल से किसी तरह अधीरा को बचाया, लेकिन गुलदार के हमले में वह बुरी तरह घायल हो गई। परिजन उसे तत्काल बेस अस्पताल लेकर पहुंचे।

कोतवाली निरीक्षक होशियार सिंह पंखोली ने बताया कि गुलदार के हमले में 4 वर्षीय अधीरा घायल हुई है। बेस अस्पताल के एमएस डा. अजय विक्रम ने बताया कि बच्ची की स्थिति गंभीर है उसे हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है।

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पिछले चार माह में गुलदार के आंतक

  • पांच फरवरी को श्रीनगर के ग्लास हाउस से सटे मोहल्ले में चार साल के मासूम को गुलदार ने मार दिया था।
  • पांच अप्रैल को श्रीकोट में सात साल को की बच्ची को गुलदार उठाकर ले गया था। बच्ची एम्स में भर्ती है।
  • 17 मई को डांग क्षेत्र में गुलदार के ने चार साल के सूरज को मार डाला था।

रेफर करने पर जनप्रतिनिधियों में आक्रोश जताया
फरवरी माह से अब तक गुलदार के शिकार चार बच्चों में सबसे पहले 5 फरवरी को ग्लास हाउस में गुलदार ने 4 वर्षीय अयान पर हमला बोला इस हमले में मासूम अयान की जान चली गई। दूसरा शिकार 5 अप्रैल को श्रीकोट की 7 वर्षीय सिया हुई जिसे प्राथमिक उपचार के बाद एम्स रैफर कर दिया गया। रीढ़ की हड्डी के घाव के चलते लकवाग्रस्त हो गई है बीते ढेड मास से बिस्तर पर है डॉक्टरों ने उसे वैंटिलेटर की जरूरत बताई सिया की जरूरत को पूरा करने के लिए निवर्तमान सभासद संजय कुमार फौजी ने जन सहयोग से 1 लाख 30 हजार की धनराशि जुटाकर सिया के लिए वैंटिलेटर तथा वैंटिलेटर चलाने के लिए आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था कराई है।

17 मई को पुनः 3 वर्षीय सूरज गुलदार के हमले से बच ना सका और उसकी जान चली गई। बीते 21 मई को एक बार फिर नरभक्षी गुलदार श्रीकोट क्षेत्र में रहने वाली 4 वर्षीय अधीरा को निशाना बना गया। स्थानीय लोगों ने गुलदार से अधीरा को छुडाकर अस्पताल पहुंचाया जहां प्राथमिक उपचार के कुछ घंटों बाद ही उसे हायर सेंटर रैफर किया गया।

स्थानीय जनप्रतिनिधि अस्पताल के इस हाल अपर चिंतित और आक्रोशित है। श्रीकोट व्यापार संघ अध्यक्ष नरेश नौटियाल कहते हैं कि देहरादून में खुले निजी मेडिकल कॉलजों में कितना भी गंभीर रोगी पहुंचता है उसे अधिकतम इलाज दिया जाता है लेकिन श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में छोटी-छोटी समस्याओं में भी इलाज का न मिलना और रैफर कर दिया जाना गंभीर चिंता का विषय है। बेस अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट तथा न्यूरोलॉजिस्ट की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।

https://youtu.be/0ab7E1Heh_s?si=tXnhcNqsua4-qa__

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