परीक्षा केन्द्रों में AI कैमरे का होगा का पहरा
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
पूरे देश में NEET पेपर लीक मामले से आयोग भी सख्ते में आ गया है. ऐसे में उत्तराखंड में 30 जून को होने जा रही परीक्षा पर भी इसका असर दिख रहा है. 30 जून को आयोजित उप निरीक्षक आबकारी, कांस्टेबल आबकारी, परिवहन विभाग के आरक्षी और वार्डन के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा होने जा रही है, जिसको लेकर आयोग ने कड़ी नियमावली तैयार की है।
UKSSSC के अध्यक्ष जी एस मर्तोलिया ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ने एक नियमावली तैयार करके शासन को भेजी है, जिसके तहत पांच श्रेणियों में अभ्यर्थियों को दंडित किया जाएगा. इसमें परीक्षा कक्ष में इलेक्ट्राॅनिक सामग्री का इस्तेमाल करने, किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने, ओएमआर शीट की अदला-बदली करने, ओएमआर की डुप्लीकेट काॅपी भी अपने साथ ले जाने और अन्य किसी तरह से नकल करने की श्रेणी शामिल है.
AI कैमरे से कि जाएंगी परीक्षा केन्द्रों की माॅन्टरिंग
UKSSSC ने 30 जून को होने वाली परीक्षा के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. इसके लिए राज्य के संवेदनशील केंद्रों पर आर्टिफिशियल कैमरे लगाए जाएंगे. जिससे की परीक्षा केन्द्र की गतिविधियों को माॅन्टिर किया जाएगा.
इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि इस के AI कैमरे के माध्यम से परीक्षा कक्ष में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों को कैमरा खुद ब खुद ऑब्जर्व करेगा और परीक्षा कक्षा में मौजूद हर अभ्यर्थी पर भी कैमरा खुद नजर रखेगा.
इस AI कैमरे के माध्यम से आयोग के पास मौजूद डाटा के आधार पर अभ्यर्थी के फेशियल रिकाॅग्निशन आसानी से कर पाएगा, जिससे परीक्षा केंद्रों पर फर्जी अभ्यर्थियों के पहुंचने के सम्भावना भी खत्म होगी. साथ ही परीक्षा हॉल में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका में यह अधिकारियों को भी सूचित करेगा.
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लाइव सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
इस बार लाइव सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी निगरानी की जाएगी. इसके जरिए कंट्रोल रूम से ही परीक्षा केंद्रों पर आयोग की नजर रहेगी. पुलिस के साथ ही आबकारी और परिवहन विभाग को भी अभ्यर्थियों की चेकिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
नियमावली में होगा संशोधन
UKSSSC ने नकल माफियाओं और परीक्षा में नकल करने-कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए नियमावली में संशोधन का मन बनाया है. खास तौर पर परीक्षाओं से प्रतिबंधित किए जाने वाले अभ्यर्थियों को कोर्ट से राहत न मिल सके, इसके लिए नियमों में कड़े प्रावधान करने की तैयारी हो रही है. इन नए नियमों के बनने के बाद अभ्यर्थियों को प्रतिबंधित किए जाने की स्थिति में कोर्ट से भी राहत मिलना मुश्किल हो जाएगा.