उम्दा रंगकर्मी और संजीदा क्रिकेट खिलाड़ी का जाना
क्रिकेट मैच जिताने के चंद मिनटों में ही जिंदगी गंवा बैठे नवीन उनियाल ‘निक्की’
गंगा असनोड़ा
दोस्तों की जान, क्रिकेट और रामलीला की शान एक होनहार युवा के जाने से श्रीनगर का जनमानस मायूस है। कारण शहर के एक ऐसे युवा का देहावसान, जो रंगकर्म, खेल और तकनीकी क्षेत्र में पूरी क्षमता के साथ दखल रखता था। आंखें नम और गमजदा मन लिए 30 वर्षीय प्रतिभाशाली नवीन उनियाल की बातें जब उनके दोस्त करते हैं, तो साथ खड़े अन्य साथियों को भी रुला बैठते हैं। उनके दोस्त कहते हैं- क्रिकेट के लिए वह बेहद संजीदा था, इतना संजीदा कि उसकी टीम जीत गई और अब हम हार कर बैठे हैं। https://regionalreporter.in/25-flights-including-delhi-mumbai-approved-in-summer-schedule/
बीते 13 वर्षों से नगर क्षेत्र की ऐतिहासिक रामलीला में लक्ष्मण का किरदार नवीन उनियाल ‘निक्की’ ही निभा रहे थे। इससे पूर्व एक वर्ष उन्होंने भरत की भूमिका भी निभाई। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र कैंतुरा तथा वरिष्ठ रंगकर्मी वीरेंद्र रतूड़ी कहते हैं कि नवीन परशुराम-लक्ष्मण संवाद, वनवास तथा शूर्पणखा के साथ वार्तालाप जैसे दृश्यों में जान डाल देता था। इतना ही नहीं, उससे अभिनय में जो भी बदलाव कराया जाता, वह उसे तुरंत पकड़ लेता और सार्थक भाव से मंच पर उतार देता। उनके रामलीला समिति के कोषाध्यक्ष सुरेंद्र चौहान, दिनेश असवाल, राजीव विश्नोई, अतुल उनियाल, सागर अग्रवाल, हिमांशु अग्रवाल, हिमांशु बहुगुणा, डा.सुधीर जोशी, साथी भानेश असवाल, दीपांशु गुप्ता, डा.अलका पांडे, प्रियवर्त जोशी, अरूण बडोनी, मनीष बडोनी, नीरज खंडूड़ी समेत सभी साथियों ने गहरा दुख जताया है।
क्रिकेट के ऑलराउंडर खिलाड़ी थे नवीन
क्रिकेट के भी वे उम्दा खिलाड़ी थे। बचपन से ही पहले रामलीला मैदान, फिर जीआईएंडटीआई मैदान और फिर न जाने गढ़वाल की खाक छानते कितने मैदानों में उन्होंने क्रिकेट के प्रति अपने समर्पण को दर्शाया था। करीब 10 वर्षों से उनके साथ क्रिकेट खेलते रहे उनके साथी अमित कहते हैं कि दो साल पहले गढ़वाल प्रीमियर लीग में केदारघाटी की टीम से बैटिंग करते हुए उन्होंने अर्धशतक लगाया। उनके कोच रहे प्रदीप मल्ल तथा विकास घिल्डियाल कहते हैं कि नवीन क्रिकेट का ऑलराउंडर और प्रतिभाशाली खिलाड़ी था।
सोमवार 25 दिसंबर को केदारघाटी के लमगौंडी में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में उन्हें वहीं की टीम ने खेलने के लिए आमंत्रित किया। इस टीम के लिए वे 8 खिलाड़ियों के साथ सुबह आठ बजे श्रीनगर से लमगौंडी के लिए रवाना हुए। दोपहर बाद उनकी टीम का मैच था। उनकी बांए हाथ में दो वर्ष पूर्व क्रिकेट खेलन के दौरान जबरदस्त चोट लगी थी। उनके इसी हाथ में दर्द हो रहा था, जिसे वे नजरअंदाज करते रहे। उन्हें लगा कि पूर्व में चोट और ठंड के कारण यह दर्द हो रहा है। दर्द की वजह से यह ओपनर बल्लेबाज ओपनिंग के लिए मैदान में नहीं उतर पाया, लेकिन बॉलिंग करते हुए उन्होंने पहला ओवर जरूर डाला। अपनी परेशानी बढ़ती देख उन्होंने बीच में फिर बॉलिंग नहीं की, लेकिन अंतिम ओवर में प्रतिद्वंदी टीम को 12 रन बनाने थे। इस लक्ष्य को रोकने के लिए उन्होंने स्वयं बॉलिंग करने का निर्णय लिया। इस ओवर में मात्र चार रन देकर नवीन ने अपनी टीम को तो जिता दिया, लेकिन जिंदगी की जंग इसके चंद मिनटों बाद श्रीनगर के लिए लौटते हुए रास्ते में ही वे हार गए। देवेंद्र रावत, विकास मैठाणी, रामपाल, रेज्जी सिंह, अमित कुंवर, मोहित रावत, अखिलेश डिमरी, पंकज लिंगवाल, शादाब़ समेत नवीन के सभी साथी तथा श्रीनगर के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं।
आईटी इंजीनियर भी थे नवीन
एक मंझे हुए रंगकर्मी और शानदार क्रिकेट खिलाड़ी के साथ ही नवीन आईटी इंजीनियर भी थे। काशीपुर से उन्होंने पॉलीटेक्नीक किया और फिर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि से आईटी ट्रेड में बीटेक किया। वर्तमान में वे जिला मुख्यालय रूद्रप्रयाग में कृषि विभाग के तकनीकी अधिकारी पद पर संविदाकर्मी के रूप में कार्यरत थे। अपनी पीछे वे अपनी मां, पिता हरीश उनियाल, बड़े भाई दीपक उनियाल एवं बड़ी बहन को सिसकता छोड़ गए हैं।