बच्ची की सूझबूझ और हौसले से आरोपी न हो सका सफल
श्रीनगर गढ़वाल के बेस अस्पताल में बाल रोग विभाग का है मामला
जांच के बहाने ले गया बाथरूम और की गलत हरकत
पुलिस ने लिया आरोपी को हिरासत में
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
बेस अस्पताल में मंगलवार 25 जून 2024 को हुई घटना ने बेस अस्पताल के वार्डों में भर्ती रोगियों तथा तीमारदारों को सकते में डाल दिया है। यहां बाल रोग विभाग में भर्ती एक 12 वर्षीय नाबालिग को फर्जी डॉक्टर बनकर आए 21 वर्षीय युवक ने बाथरूम में ले जाकर छेड़छाड़ की कोशिश की। इस घटना ने जहां बेस अस्पताल में रोगियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, वहीं दूसरा पहलू यह है कि सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से आरोपी की न सिर्फ पड़ताल हुई, बल्कि वह तत्काल पकड़ा भी गया है। पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 354 क तथा 376 ब व पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी मयंक गैरोला को गिरफ्तार किया है।
विस्तार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बेस अस्पताल में स्थानीय एजेंसी मुहल्ला निवासी 21 वर्षीय युवक मयंक गैरोला बाल रोग विभाग में फर्जी डॉक्टर बनकर दाखिल हुआ। यहां एक बेड में 12 वर्षीय नाबालिग रोगी को अकेला पाकर उसने स्वयं को डॉक्टर बताया और बाहर लाया। उस समय बालिका की मां अस्पताल से बाहर कुछ सामान लेने गई थी।
फर्जी डॉक्टर बनकर आया युवक उस बालिका को बाथरूम की तरफ ले गया तथा उसके साथ गलत हरकत करने लगा, तो नाबालिग बालिका वहां से भागकर वार्ड की तरफ आई और वार्ड में तैनात डॉक्टरों को यह बात बताई। इसी बीच फर्जी डॉक्टर बनकर आया युवक पीछे के गेट से भाग निकला।
इस बात की खबर बेस अस्पताल के विभिन्न वार्डों में आग की तरह फैल गई तथा देखते ही देखते वहां अफरा-तफरी मच गई कुछ लोग उसे ढूंढ़ने लगे। वहां अन्य रोगी और तीमारदार सकते में आ गए। इस बात की जानकारी मिलते ही चिकित्सा अधीक्षक डा.अजेय विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे तथा सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को खंगलवाया गया। दो घंटे की मशक्कत के बाद पीछे के गेट की ओर लगे सीसीटीवी कैमरे में एक युवक दौड़ता हुआ मिला। जब इस युवक की तस्वीर बालिका को दिखाई गई, तो उसने उसकी पहचान की।
घटना की जानकारी अस्पताल प्रशासन की ओर से तत्काल पुलिस को दी गई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाही करते हुए बुधवार दोपहर तक आरोपी मयंक गैरोला की धरपकड़ की तथा जिला एवं सत्र न्यायालय पौड़ी के समक्ष पेश किया।
ये हैं सवाल
इस मामले के संज्ञान में आने के बाद सवाल उठता है कि आखिर बेस अस्पताल में रोगियों की सुरक्षा के लिए अस्पताल प्रशासन ने क्या बंदोबस्त किए हैं। आखिर एक युवक की ऐसी क्या मजाल हुई कि वह फर्जी डॉक्टर बनकर रोगियों से भरे वार्ड में घुस जाता है और वहां भर्ती एक नाबालिग बच्ची को अपनी गंदी नीयत का शिकार बनाने की कोशिश करता है। इतना ही नहीं वह दूसरे गेट से आसानी से भागने में सफल भी हो जाता है।