चीन में फैले एचएमपीवी वायरस से कर्नाटक में दो और गुजरात में एक बच्चा संक्रमित

भारत में चीन से फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले सामने आए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि कर्नाटक में इस वायरस के दो संक्रमित मरीज मिले हैं।

इसके अलावा गुजरात में भी एक मामला दर्ज किया गया है, जहां अहमदाबाद के चांदखेड़ा क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में 2 साल का बच्चा इस वायरस से संक्रमित पाया गया।

कर्नाटक सरकार ने जनता को आश्वस्त किया है कि इस वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि इन मामलों में अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं पाया गया है।

चीन में फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण भारत पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में दो बच्चों में एचएमपीवी संक्रमण पाया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है। इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आए हैं।

वहीं आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस

  • HMPV (Human Metapneumovirus) एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो इंसानों में खांसी, बुखार, गले में खराश, और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। यह वायरस फ्लू या सर्दी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षण पैदा कर सकता है, लेकिन इसका प्रभाव अधिक गंभीर हो सकता है, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर।
  • इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। 
  • श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है। 

एचएमपीवी का किस पर और कितना असर?

  1. यह मुख्य तौर पर बच्चों पर असर डालता है। हालांकि, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव दर्ज किया गया है। 
  2. इस वायरस की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, कफ की शिकायत हो सकती है। ज्यादा गंभीर मामलों में गला और श्वांस नली के जाम होने से लोगों के मुंह से सीटी जैसी खरखराहट भी सुनी जा सकती है।
  3. कुछ और गंभीर स्थिति में इस वायरस की वजह से लोगों को ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने वाली नली में सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों में पानी भरना) की स्थिति पैदा कर सकता है। इसके चलते संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। 
  4. चूंकि इसके लक्षण कोरोनावायरस संक्रमण और आम फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन दोनों में अंतर बता पाना मुश्किल है। हालांकि, जहां कोरोनावायरस की महामारी हर सीजन में फैली थी। वहीं एचएमपीवी अब तक मुख्यतः मौसमी संक्रमण ही माना जा रहा है। हालांकि, कई जगहों पर इसकी मौजूदगी पूरे साल भी दर्ज की गई है।
  5. कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  6. सामान्य मामलों में इस वायरस का असर तीन से पांच दिन तक रहता है। 
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