नहीं कटेंगे अब खलंगा के 2000 पेड़

सौंग परियोजना के लिए कनार गांव में चिन्हित की भूमि
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

पिछले दिनों सौंग बांध की पेयजल परियोजना के लिए खलंगा रिजर्व फाॅरेस्ट में पेड़ों पर निशान लगाने के बाद कई पर्यावरण प्रेमी व सामाजिक संगठन विरोध में उतर आए थे।

यहां करीब 2000 पेड़ काटे जाने थे। जिससे कि स्थानीय व सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही चिपको आंदोलन की तरह ही इस बार पेड़ से चिपकर वीडियो के जरिए लोगों को जागरूक किया गया।

समाजसेवी और एडवोकेट सुनीता प्रकाश ने विभाग के इस निर्णय की बखूबी सरहाना की और कहा कि किसी जंगल को काटकर पानी की उपलब्धता कराना नेचर के साथ खिलवाड़ है। प्रोजेक्ट को ऐसे स्थान पर बनाया जाए, जहां पर हरे-भरे पेड़ों को नुकसान न पहुंचे।

कनारी गांव में बनेगा अब वाटर ट्रीटमेंट प्लाट
पर्यावरण प्रेमियों के भारी विरोध के चलते पेयजल परियोजना के लिए खलंगा रिजर्व फाॅरेस्ट के पेड़ नहीं काटने का निर्णय लिया गया है। पेयजल निगम ने इस स्थान को छोड़ दिया है। अब इसकी जगह कनार काटन गांव के ऊपर की भूमि चिन्हित की गई है।

सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी के निर्देशों के बाद अब पेयजल निगम ने देहरादून में कनार काटन गांव के ऊपर की जगह को चिन्हित किया है। बताया गया है कि क्षेत्र में वन भूमि का हस्तांतरण जल्द किया जाएगा। ऐसे में अब खलंगा के जंगल कटने से बच जाएंगे।

अधिशासी अभियंता दीपक नौटियाल ने बताया कि जल्द वन विभाग के साथ मिलकर इस स्थान का सर्वे किया जाएगा। अब इसी हिसाब से डीपीआर बनाई जाएगी, जिससे पेयजल परियोजना तैयार की जाएगी।

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60 वार्डों की बुझेगी प्यास
अब कनार गांव से राजधानी के 60 वार्डों में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। बता दे कि करीब 3000 करोड़ की सौंग बांध परियोजना में 524 करोड़ की पेयजल परियोजना बनेगी।

जिसके लिए सौंग बांध के नजदीक ऊँचाई वाले स्थान पर रिजर्व वेयर बनाया जाएगा। पेयजल निगम को 07 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। जिसमें 4.2 हेक्टेयर भूमि पर 150 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।

https://youtu.be/qk_ZpqngCAE?si=BrMssMMFJCi–jgP

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