शासन-प्रशासन नहीं ले रहा सुध
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो
लगातर हो रही बारिश से भल्डगांव के ग्रामीण दहशत में है। भल्डडगांव के ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग को लेकर 8 दिनों से गांव के नीचे टिहरी डैम की झील के किनारे मोर्चा खोला है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के 35 घरों के लिए खतरा बना हुआ है। परंतु शासन-प्रशासन की तरफ से अभी तक विस्थापन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सूचना पर पहुंचे तहसीलदार महेंद्र बिष्ट ने ग्रामीणों को समझाया, लेकिन वह धरने पर डटे रहे। ग्रामीण कमलू लाल, सागर भंडारी, जगदीश प्रसाद, विमला देवी, मंजीत, सुमति देवी, संजय लाल का कहना है कि वर्ष में एक बार टिहरी झील का का जलस्तर बढ़ता है। उसके बाद उनके घरों के नीचे भू- धंसाव शुरू हो जाता है। वहीं, उनके घरों में दरारें आई हुई हैं। जब भी झील का जलस्तर बढ़ता है तो उन्हें रातभर जागना पड़ता है। क्योंकि भू-धंसाव के कारण घरों के झील में समाने का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस संबंध में कई बार शासन-प्रशासन से पत्राचार किया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
ग्रामीणों ने कहा अगर गांव के सर्वे के लिए कमेटी बनाई जाती है तो उस कमेटी में टीएचडीसी के अधिकारियों व कर्मचारी नहीं होने चाहिए। जिला प्रशासन अलग से अपनी एक सर्वे कमेटी बनाये। उसी कमेटी से गांव का सर्वे करवाया जाये।
भल्डगांव के पूर्व प्रधान कमल सिंह के साथ साथ ग्रामीण महिलाओं ने कहा हमें धरना स्थल पर बैठे 8 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक ना तो जिलाधिकारी और न ही पुनर्वास विभाग व टीएचडीसी के किसी भी अधिकारी ने हमारी मांगें सुनी हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कल सुबह टिहरी झील में जल समाधि लेंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।