डॉक्टरों के लिए 36-48 घंटे की ड्यूटी अमानवीय: सुप्रीम कोर्ट

कोलकाता रेप मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार, 22 अगस्त को सुनवाई हुई। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान डॉक्टरों की 36 घंटे की शिफ्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे अमानवीय बताया। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में नेशनल टास्क फोर्ट को निर्देश जारी किया।

नेशनल टास्क फोर्स को निर्देश देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि, डॉक्टरों के लिए 36 या 48 घंटे की ड्यूटी अमानवीय है, इसलिए जरुरत है कि ऑन-ड्यूटी घंटों को सुव्यवस्थित करने पर विचार हो।

बता दें कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश

“हम निर्देश देते हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करें कि NTF की रिपोर्ट आने तक राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश ऐसी बुनियादी आवश्यकताओं को लागू करें, जिससे डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंताओं का समाधान हो सके।”

पीठ ने कहा कि बैठक आयोजित करने की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी हो जानी चाहिए। उसके बाद राज्य दो सप्ताह की अवधि के भीतर उचित कार्रवाई करेंगे।

कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 5 सितंबर की तारीख निर्धारित की और सीबीआई, पश्चिम बंगाल सरकार की स्थिति रिपोर्ट को फिर से सील करने का आदेश दिया। कोर्ट ने मामले में जुड़े पक्षकारों (केंद्र और बंगाल सरकार) को इस मसले का राजनीतिकरण नहीं करने की भी सलाह दी है। कोर्ट ने ये भी कहा कि विरोध प्रदर्शन करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। साथ ही न्यायालय ने मामले की जांच में कमियों के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस को भी फटकार लगाई।

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