100% marks in physics JEE mains बिना कोचिंग श्रीनगर के आशुतोष ने जेईई मेंस में पाया 99.369 परसेंटाइल, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने घोषित किया परीक्षाफल

फिजिक्स में 100 प्रतिशत अंक किए प्राप्त

रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो


राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की ओर से देश भर के प्रतिष्ठित एनआईटी काॅलेजों तथा अन्य इंजीनियरिंग काॅलेजों में प्रवेश के लिए ली गई जेईई मेंस परीक्षा का परीक्षाफल घोषित कर दिया गया है। श्रीनगर गढ़वाल के आशुतोष मिश्रा ने बिना किसी कोचिंग संस्थान का सहारा लिए अपने दम पर तैयारी करके जेईई मेंस में महत्त्वपूर्ण सफलता हासिल की है। आशुतोष ने फिजिक्स में 100, मैथ्स में 98.599 तथा कैमिस्ट्री में 98.418 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं तथा 99.369 परसेंटाइल के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त करने वालों की सूचि में शामिल होकर जेईई एडवांस के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया है। अपनी उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता की प्रेरणा और विश्वास को दिया है। 100% marks in physics JEE mains


गणेश बाजार निवासी पूनम मिश्रा तथा राजेश मिश्रा के पुत्र आशुतोष ने वर्ष 2023 में श्री गुरू राम राय पब्लिक स्कूल श्रीनगर से इंटरमीडिएट की परीक्षा 87 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इस वर्ष भी उन्होंने जेईई मेंस दिया, जिसमें उनका परसेंटाइल 92 रहा। इंजीनियरिंग काॅलेज घुड़दौड़ी में अपने पसंदीदा ट्रेड कम्प्यूटर साइंस (सीएस) में प्रवेश के अवसर के बावजूद उन्होंने जेइई मेंस के दूसरे अवसर के लिए तैयारी की। बीते छह माह में यू ट्यूब की मदद लेकर आशुतोष ने अपने दम पर तैयारी की और यह मुकाम पाया है। आशुतोष ने बताया कि प्रवेश के लिए वे इलेक्ट्राॅनिक्स तथा सीएस ट्रेड को तथा एनआईटी कुरूक्षेत्र या एनआईटी इलाहाबाद को वरीयता देंगे। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और चैस उनकी प्रमुख अभिरूचियों में शामिल रहे हैं। देश भर से इस परीक्षा में शामिल 14 लाख अभ्यर्थियों में से आशुतोष ने 10213वीं रैंक हासिल की है।

सात साल के बच्चे को मां ने थमा दिया कंप्यूटर
स्वभाव से चंचल होने के बावजूद आशुतोष की प्रखरता और बुद्धिमत्ता को उसकी मां पूनम ने बखूबी समझा। आशुतोष सात साल का था, ज़ब मां पूनम मिश्रा ने अपने बेटे की मांग पर उसे कंप्यूटर थमा दिया। पूनम कहती हैं कि किसी भी साधारण परिवार के व्यक्ति के लिए यह एक मुश्किल टास्क हो सकता है, लेकिन मैंने सदैव अपने बेटे पर भरोसा किया।

बेटे ने भी इस गैजेट का भरपूर उपयोग किया। सोशल माध्यम यू ट्यूब का तो आशुतोष ने गुरू के रूप में लाभ लिया। आशुतोष कहते हैं कि उन्होंने एक-एक पाठ के लिए सैंकड़ों यू ट्यूब चैनलों पर जाकर पढ़ाई की। एक ही चैप्टर के कई कंटेंट ऐसे होते, जिनके लिए कई-कई चैनलों को खंगालता रहता।

मां ने की आर्थिक मदद पिता ने दिया हरदम साथ
आशुतोष की मां पूनम मिश्रा पाबौ इंटर काॅलेज, पौड़ी में कला विषय की सहायक अध्यापिका हैं। वे एक बेहतरीन चित्रकार हैं। आशुतोष का कहना है कि मां के विश्वास और सहयोग की बदौलत उन्हें आज यह सफलता मिली है। मां के नौकरीपेशा होने के कारण घर पर अधिकतम पिता का सहयोग मिला। माता-पिता का साथ मेरी सफलता में संजीवनी के रूप में रहा।

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