4096 महिला व 4420 पुरुष मतदाता करेंगे मतदान
निकाय में पिछले पांच सालों में 1937 वोटर बढ़े
1982 में धर्मशाला के दो कमरों से शुरू हुई नगर पालिका की आय लाखों में
अलकनंदा नदी के तट पर बसे चमोली जनपद का मुख्य प्रवेश द्वार गौचर जो कि कई पौराणिक सांस्कृतिक धरोहर को समेटे वर्तमान में कई सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलो के अलावा कई प्रकार के गतिविधियों का केंद्र है।
कोरोना काल हो या 2013 में केदारनाथ आपदा गौचर हवाई पट्टी से सेना ने आपदा में फंसे लोगों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं कोरोना काल में गौचर के विशाल मैदान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
1982 में अस्तित्व में आए टाऊन एरिया उसके बाद नगर पंचायत तत्पश्चात 1 अगस्त 2015 से नगर पालिका परिषद के नाम दर्ज नगर का क्षेत्रफल 5.39 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जिसमें सात वार्ड व उसमें निवास करने वाले 8,516 मतदाता अध्यक्ष सहित 07 वार्ड सभासदों के आगामी 23 जनवरी को भाग्य का फैसला करने जा रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे गौचर में इस बार निकाय चुनाव सामान्य सीट होने पर मुकाबला रोचक बना हुआ है। गौचर निकाय चुनाव में कांग्रेस व भाजपा ने युवा चेहरे उतारें है।
भाजपा ने तीन बार के सभासद रहे निवर्तमान डीबीसी सदस्य व वर्तमान में गौसेवा आयोग के सदस्य अनिल नेगी को अपना प्रत्याशी बनाया है।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने पूर्व में मंडी परिषद के अध्यक्ष रह चुके संदीप नेगी को अपना प्रत्याशी बनाया है। टिकट नहीं मिलने से नाराज़ नगर कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील पंवार ने पार्टी से इस्तीफा दे कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे हैं। जो कि मुकाबले को त्रिकोणीय बनाए हुए हैं।
सुनील पंवार पूर्व में व्यापार संघ अध्यक्ष गौचर व प्रदेश व्यापार संघ उपाध्यक्ष रह चुके हैं। अब देखना होगा कि, त्रिकोणीय मुकाबले में सेहरा किस के सिर सजेगा।
कभी धर्मशाला के दो कमरों में शुरू हुई नगर पालिका की भवनों से होने वाली वार्षिक आय 29 लाख रुपए है। इसके अलावा अन्य मदों से भी पालिका की आय होती है।
निर्वाचित अध्यक्ष के सामने होगी नगर विकास की चुनौतियां
- स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों की व्यवस्था सुनिश्चित करवाना।
- वर्षों से खेल प्रतिभाओं की मांग पर गौचर खेल मैदान पर स्टेडियम निर्माण करवाना।
- फसलों को नुक़सान पहुंचा रहे बंदरों व लंगूरों से नगर को निजात दिलवाना।
- गौचर में पार्किंग की बड़ी समस्या है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होने के साथ-साथ बदरीनाथ धाम का मुख्य मार्ग है। पार्किंग की सीमित संख्या होने के कारण अधिकतर वाहन सड़क किनारे व खेल मैदान पर खड़े होने को मजबूर हैं।
- विद्युत व पेयजल की नियमित आपूर्ति, वार्डों में स्ट्रीट लाइट व नागरिकों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगवाना।
- नगर में सीवेज की व्यवस्था के साथ नालियों का निर्माण।
- गायों के नाम विख्यात गौचर में स्थापित गौ सदन को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाना।
- बरसात के मौसम में हवाई पट्टी के पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करना।
- टैक्सी पार्किंग नहीं होने से सड़क किनारे व खेल मैदान पर खड़े वाहन।
- कछुआ गति से निर्माणाधीन पार्किंग निर्माण।