गढ़रत्न नेगी को मिला इंद्रमणि बडोनी स्मृति सम्मान

नरेंद्र सिंह नेगी की रचनाधर्मिता के 50 वर्ष पूरे होने पर हुआ आयोजन

आशीष सुंदरियाल

उत्तराखंड के गांधी के रूप में प्रसिद्ध स्व. इंद्रमणि बडोनी जी की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज 18 अगस्त 2024 को सुप्रसिद्ध गढ़वाली गीतकार एवं गायक नरेंद्र सिंह नेगी जी को  द्वितीय इंद्रमणि बडोनी स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। प्रथम इंद्रमणि बडोनी स्मृति सम्मान स्व. इंद्रमणि बडोनी के सांस्कृतिक दल का अंग रहे प्रसिद्ध ढोलवादक शिवजनी जी को गत वर्ष चमियाला, टिहरी गढ़वाल में दिया गया था।
शिक्षाकुंर द गलोबल स्कूल में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में इंद्रमणि बडोनी चेरिटेबल फाउंडेशन के द्वारा नरेंद्र सिंह नेगी जी को यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं के द्वारा नेगी जी के रचना संसार पर अपने विचार व्यक्त किये। साथ ही स्कूल के विद्यार्थियों तथा लोक कलाकारों के द्वारा नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों को भी प्रस्तुत किया गया। 
मुख्य अतिथि पू्र्व मंडलायुक्त एस.एस.पांगती के कहा कि हमें  इंद्रमणि बडोनी के राजनैतिक जीवन के साथ-साथ उनके द्वारा लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए किये गये कार्यों के लिए भी याद करना चाहिए।
नरेंद्र सिंह नेगी के गीतों का जिक्र करते हुये गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने कहा कि नेगी जी ने गीत गायन के साथ साथ अपने लोक को संरक्षित करने के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी किये, जिनमें नंदा के जागर, मांगल गीत तथा पारम्परिक लोक कलावंतों को कैसेट कम्पनियों तक पहुंचाना आदि मुख्य हैं।

नेगी जी के गीतों पर बोलते हुए शिक्षक देवेश जोशी ने कहा कि आज नेगी जी के गीतों को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नेगी जी के गीतों को आत्मसात करने का सबका अपना अपना ढंग है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद और गीता मर्मज्ञ आचार्य सच्चिदानंद जोशी ने की l उन्होंने स्वर्गीय बडोनी को याद करते हुए उन्हें प्रेरक व्यक्तित्व बताया और उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया।  कहा कि नेगीदा न केवल गढ़रत्न, बल्कि उत्तराखंड रत्न और हिमालय रत्न भी हैं और उनकी आभा देश विदेश तक है l

यह भव्य कार्यक्रम नरेंद्र सिंह नेगी जी की रचनाधर्मिता के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में उन्हें द्वितीय इंद्रमणि बडोनी स्मृति सम्मान दिये जाने के लिए आयोजित किया गया था।

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार, समाजसेवी, पत्रकार व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।जिनमें विनोद बडोनी,  मदन मोहन डुकलान, ओम बधानी, अनिल सिंह नेगी, बीना बेंजवाल,डॉ शैलेन्द्र मैठाणी,कांता घिल्डियाल, डा पवन कुदवान,राजेश गुसाईं कुलानंद घनशाला, सुनील भट्ट, गंगा प्रसाद नैथानी,राजेंद्र बडोनी, शंकर गोपालकृष्ण, भगवती सुन्दररियाल, डॉ अनीता बडोनी, प्रोफेसर कलिका काले, प्रभा बडोनी, सरिता बडोनी, सविता बडोनी, आलोक डंगवाल, प्रदीप कोठियाल, मनमोहन डंगवाल, युद्धवीर नेगी, जे पी बहुगुणा, अनिल बडोनी, राकेश बडोनी, हरि प्रकाश बडोनी, सत्यनारायण बडोनी, बीर विक्रम रावत, नारायण सिंह रावत , गिरीश डंगवाल, विजेंद्र सकलानी, तारा सिंह विद्वाण, बलवीर मेहरा, राजेंद्र मेहरा, हुकम सिंह मेहरा, अमर सिंह बिष्ट,हेमंत चौहान, जयकृत नेगीआदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि समाजसेवी श्री बचन सिंह रावत तथा डॉ जे पी नवानी की गरिमामयी उपस्थिति रही l
कार्यक्रम का संचालन नवोन्मेषी शिक्षक एवं कुशल मंच संचालक गिरीश बडोनी के द्वारा किया गया।

लोकगायक ने स्व. बडोनी को ऐसे किया याद
सम्मानित विभूति श्री नरेन्द्र सिंह नेगी ने स्वर्गीय बडोनी जी को संस्कृति कर्मी के रूप में याद किया l उन्होंने कहा कि बडोनी जी का व्यक्तित्व बिल्कुल अलग था उसकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती l

विभिन्न क्षेत्रों में दिया गया विशिष्ट सम्मान
बडोनी जी की पुण्यतिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम में इंद्रमणि बडोनी के सहयोगी लोक कलाकारों बालकृष्ण नौटियाल, रूपदेई मेहरा, वसंती काले, शिक्षा के लिए हरीश जोशी, डॉ वाचस्पति फोंदणी, सुनील भट्ट, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डॉ महेश भट्ट ,आंदोलनकारी और लेखक त्रेपन सिंह चौहान की पत्नी निर्मला चौहान तथा वर्तमान में लोक भाषा व साहित्य के क्षेत्र में विशेष कार्य करने के लिए कवि बेलीराम कंस्वाल, आशीष सुंदरियाल  को भी नरेंद्र सिंह नेगी जी के कर कमलों से सम्मानित किया गया।

अलभ्य, त्रिष्ठव और गिरीश सुंदरियाल ने बांधा समां
लगभग तीन घंटे चले इस कार्यक्रम में विचार गोष्ठी के साथ साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई जिसमें युवा कलाकार अलभ्य बडोनी, त्रिष्ठव बडोनी की प्रस्तुतियों का मौजूद दर्शकों ने खूब आनंद लिया। इस अवसर पर ‘गढ़वाली गीतकार गिरीश सुंदरियाल ने भी नेगी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर स्वरचित गीत गाया।

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