प्रदेश भर से हज़ारों की संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद
राज्य आंदोलन की तर्ज पर मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन भी पकड़ रहा गति
मनोज उनियाल https://regionalreporter.in/ho-ho-holak-re-story/
प्रदेश भर में चल रहे मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन का अब अगला पड़ाव श्रीनगर होगा। राज्य आंदोलन की तर्ज पर मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन गति पकड़ रहा है। उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी भी मूल निवास के लिए अपने गाने के माध्यम से आह्वान कर चुके हैं। श्रीनगर में विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने मूल निवास भू कानून समन्वय सँघर्ष समिति की बैठक में एक सुर में आगामी 10मार्च को श्रीनगर में मूल निवास स्वाभिमान महारैली के आयोजन पर सहमति जताई। महारैली में प्रदेश भर से हज़ारों की संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद है।
गढ़वाल मंडल विकास निगम में मूल निवास भू कानून समन्वय सँघर्ष समिति के तत्वाधान में रविवार को आयोजित हुई बैठक में विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने भाग लिया। मूल निवास भू कानून समन्वय सँघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि जिस तरह से मूल निवास स्वाभिमान आन्दोलन से विभिन्न क्षेत्रों में हज़ारों की संख्या में लोग सड़कों में आ रहे है उससे स्पष्ट हो जाता है कि जनता के लिए भू कानून मूल निवास कितने अहम मुद्दे है। कहा कि आगामी 10 मार्च को श्रीनगर में होने वाली महारैली भी पिछली रैलियों की तरह ऐतिहासिक होगी।
राज्य आंदोलनकारी अनिल स्वामी एवं समिति के सह संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा की मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन अब उत्तराखण्ड आंदोलन की तर्ज पर आगे बढ़ता जा रहा है और इस आन्दोलन को अपार जनसमर्थन मिल रहा है।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रभाकर बाबुलकर, समिति के कोर सदस्य अरुण नेगी, समाजसेवी बीना चौधरी ने कहा है कि श्रीनगर आन्दोलन की भूमि रही है। चाहे वह गढ़वाल विश्वविद्यालय के लिए चला ऐतिहासिक आंदोलन हो या उत्तराखण्ड आंदोलन हो, श्रीनगर में जनता ने हमेशा राज्य हित के लिए हमेशा आवाज़ बुलंद की है और आगामी 10 मार्च को भी स्थानीय जनता बड़ी संख्या में अपने अधिकारों के लिए सड़कों में आएगी। कमेटी के कोर सदस्य प्रांजल नौडियाल,छात्रसंघ अध्यक्ष गढ़वाल विश्विद्यालय सुधांशु थपलियाल, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अंकित उछोली ने कहा की वर्षों से चला आ रहा जल, जंगल जमीन का यह सँघर्ष अब निर्णायक मोड़ में है इसलिए जनता को भी अपने हक हकूक के लिए अपने घरों से निकलना होगा तभी मूलनिवास एवं मजबूत भू कानून राज्य में लागू हो पाएगा।
छात्रसंघ महासचिव गढ़वाल विश्विद्यालय आँचल राणा,पूर्व उपाध्यक्ष रॉबिन सिंह असवाल,एसएफआई प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेथा एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य गम्भीर सिंह जयाड़ा ने कहा भर्तियों से लेकर जमीनों मे जो बाहरी लोगो का कब्ज़ा हो रहा है उसके खिलाफ अब इस राज्य में आंदोलन से ही बदलाव होगा ।
बैठक में भोपाल सिंह चौधरी,विकाश शाह,सुनील गुसाईं,सूरज नेगी,अमित भट्ट,मोहित राणा,अखिल राणा,अनिल दत्त तिवारी,मुकेश सेमवाल,संजय कुमार फौजी,सवी सामवेदी, योगेश बिष्ट,वीरेंद्र बिष्ट, अतुल सती,धनपति सिंह आदि मौजूद थे