डा. हरक सिंह की दल-बदल यात्रा Dr. Harak Singh’s defection journey

पुनः भाजपाई दामन थामने को तैयार हरक सिंह
रीजनल रिपोर्टर ब्यूरो

लोकसभा चुनाव 2024: हाल ही में की ईडी छापेमारी से फिर सुर्खियों में रहे उत्तराखण्ड के कदावर नेता डा. हरक सिंह रावत के पुनः भाजपा में शामिल होने की अटकले तेज हो गई हैं। ये अटकलें इसलिए लगाई जा रही हैं क्योंकि 15 दिन पूर्वत डा. हरक के एक-एक ठिकाने को निशाना बना रही ईडी अब उनसे पूछताछ करने से भी बच रही है। चुनावी चर्चाओं के बीच यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि हरक कभी भी पुनः भाजपा की तरफ सरक सकते हैं। आइए, दल बदलने में माहिर डा. हरक की अब तक की दल-बदल में पायी उल्लेखनीय जानकारी आपको दें।

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40 वर्ष तक के राजनीतिक सफर में डा. हरक सिंह रावत छठवीं बार दल बदलने की सुर्खियों में है। उनकी राजनीतिक शुरुआत सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी से हुई थी।

चलिए ,आपको बताते हैं कि इससे पहले हरक ने किस-किस पार्टी का दामन और कहां-कहां से चुनाव लड़ा है…
भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले हरक सिंह ने वर्ष 1984 में पहली बार पौड़ी सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। वर्ष 1991 में पार्टी ने उन्हें दोबारा इस सीट पर मौका दिया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। तब उन्हें उत्तर प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया। वर्ष 1993 में वह फिर से पौड़ी सीट से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे।
वर्ष 1998 में भाजपा ने उनका टिकट काटा तो इस प्रकरण से नाराज हरक सिंह बसपा में शामिल हो गए। कुछ समय बसपा में रहने के बाद उन्होंने कांग्रेस की राह पकड़ी।
उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 2002 में वह कांग्रेस के टिकट पर लैंसडौन सीट से चुनाव जीते। तब उन्हें मंत्री पद मिला, लेकिन बहुचर्चित जैनी प्रकरण के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वर्ष 2007 में उन्होंने एक बार फिर लैंसडौन सीट से जीत दर्ज की और उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। वर्ष 2012 के चुनाव में हरक सिंह ने सीट बदलते हुए रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ा और फिर से विधानसभा पहुंचे।
वर्ष 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद हरक सिंह अन्य 9 विधायकों के साथ कांग्रेस को छोड भाजपा में शामिल हो गए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें कोटद्वार सीट से मौका दिया और वह विधानसभा में पहुंचे। तब भाजपा सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। जनवरी 2022 को भाजपा ने हरक को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। 21 जनवरी को वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

बीते कुछ दिनों से मनी लाॅन्ड्रिंग के मामले में ईडी की नजर पर आए उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत से मंगलवार 2 अप्रैल को पूछताछ होनी थी, लेकिन ईडी के सहायक निदेशक अभय कुमार ने हरक सिंह को भेजे ईमेल में पूछताछ की तारीख आगे बढ़ा दी है.
मेल में कहा गया है कि कुछ अन्य ऑफिसियल कार्य की अधिकता की वजह से 2 अप्रैल को पूछताछ नहीं हो पाएगी. वहीं 3 अप्रैल को हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं से ईडी पूछताछ करने वाली थी, लेकिन अनुकृति गुसाई की भी पूछताछ की तारीख आगे बढ़ा दिया है.
हरक सिंह रावत और कुछ पूर्व आईएफएस अधिकारियों पर काॅर्बेट नेशनल पार्क की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर अवैध पेड़ कटान
और निर्माण का आरोप लगा था, जिसको लेकर 7 फरवरी को ईडी ने हरक सिंह रावत और उनके करीबियों के साथ कुछ पूर्व आईएफएस अधिकारियों घरों पर छापेमारी भी थी।

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